12/06/2008

सवाल - 2


।। सवाल-2 ।।


हैं कुछ ऐसे लोग जिन्हें मिलता है सुकून

आहत कर सम्वेदनाओं को ।

जो करते हैं लहूलुहान

कोमली भावनाओं को

हाँ, हैं कुछ ऐसे भी जो होते हैं आह्लादित

औरों को कर हताहत ।

क्या तुम भी उन्हीं में से

या अलग ?

क्या तुम बोलोगे तब

जब बढ़ रहे होंगे उनके हाथ

तुम्हारी ओर

या तब भी रहोगे

निष्क्रिय-निरापद

जैसे अभी हो

जब लगी है तुम्हारे

पड़ोस में आग ।

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‘सपनों के आसपास’ शीर्षक काव्य संग्रह से पंकज शुक्ला ‘परिमल’ की एक कविता
मैं पंकज के प्रति मोहग्रस्त हूँ, निरपेक्ष बिलकुल नहीं । आपसे करबध्द निवेदन है कि कृपया पंकज की कविताओं पर अपनी टिप्पणी अवश्‍‍य दें ।


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1 comment:

  1. बहुत सुंदर ओर भावुक सवाल किया है आप ने इस कविता के माध्यम से.
    धन्यवाद

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